हेलो दोस्तो,इस लेख में हम जानेंगे की नालंदा यूनिवर्सिटी का न्यू कैंपस एरिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का उद्घाटन 19 जून 2024 को कर दिया है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया |
नई तस्वीर-
नालंदा विश्वविद्यालय में प्रवेश कैसे लें ?
नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का आज पीएम मोदी ने उद्घाटन किया.यहां पर पीजी डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक के कई कोर्स संचालित किए जाते हैं ,आइए जानते हैं
नालंदा यूनिवर्सिटी का न्यू कैंपस एरिया
नालंदा विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने की प्रक्रिया पालन किया जा सकता है:
- आवेदन प्रक्रिया:
- दस्तावेज़ अपलोड करना:
- आवेदन शुल्क भुगतान:
- प्रवेश परीक्षा/इंटरव्यू:
- मेरिट लिस्ट:
- प्रवेश की पुष्टि:
नालन्दा का इतिहास-
1,600 वर्ष पुराना है भारत का गौरव नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास, इस तरह बनी थी पूरी दुनिया में पहचान बना हुआ है,नालंदा का इतिहास भारत के प्राचीनतम और महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में प्रसिद्ध है।
किसने बनवाय नालन्दाविश्वबिधालय?
भारत के बिहार में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम द्वारा 5वीं शताब्दी ई. में स्थापित नालंदा विश्वविद्यालय, शिक्षा का एक प्रसिद्ध प्राचीन केंद्र था। इसने बौद्ध धर्म, वेदों, गणित, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में व्यापक अध्ययन की पेशकश की, जिससे पूरे एशिया से विद्वान आकर्षित हुए।
पुरानी नालन्दा नालन्दाविश्वबिधालय तस्वीर-
सम्राट कुमारगुप्त प्रथम द्वारा 5वीं शताब्दी में स्थापित, भारत के बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय, बौद्ध धर्म, चिकित्सा और खगोल विज्ञान जैसे विषयों के लिए सीखने का एक प्रतिष्ठित केंद्र था। यह 12वीं शताब्दी तक फलता-फूलता रहा, जब बख्तियार खिलजी ने इसे नष्ट कर दिया।
पुरानी नालन्दा के नंगे मैं और पढ़े– विकिपीडिया
नालंदा विश्वविद्यालय नालन्दा का इतिहास
नालंदा भारत के बिहार प्रान्त का एक जिला है जिसका मुख्यालय बिहार शरीफ है।। नालंदा अपने प्राचीन इतिहास के लिये विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ विश्व के सबसे पुराने नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी मौज़ूद है, जहाँ सुदूर देशों से छात्र अध्ययन के लिये भारत आते थे। बुद्ध और महावीर कइ बार नालन्दा मे ठहरे थे। माना जाता है कि महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति पावापुरी मे की थी, जो नालन्दा मे स्थित है। बुद्ध के प्रमुख छात्रों मे से एक, शारिपुत्र, का जन्म नालन्दा मे हुआ था।
नालंदा पूर्व में अस्थामा तक पश्चिम में तेल्हारा तक दछिन में गिरियक तक उतर में हरनौत तक फैला है. विश्व के प्राचीनतम विश्वविद्यालय के अवशेषों को अपने आंचल में समेटे नालन्दा बिहार का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ पर्यटक विश्वविद्यालय के अवशेष, संग्रहालय, नव नालंदा महाविहार तथा ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल देख सकते हैं। इसके अलावा इसके आस-पास में भी घूमने के लिए बहुत से पर्यटक स्थल है। राजगीर, पावापुरी, गया तथा बोध-गया यहां के नजदीकी पर्यटन स्थल हैं।
प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था। भगवान बुद्ध ने यहाँ उपदेश दिया था। भगवान महावीर भी यहीं रहे थे। प्रसिद्ध बौद्ध सारिपुत्र का जन्म यहीं पर हुआ था। नालंदा में राजगीर में कई गर्म पानी के झरने है, इसका निर्माण कहा जाता है की राजा बिम्बिसार ने अपने सासन काल में किया था,
राजगीर नालंदा का मुख सहारे है, ब्रह्मकुण्ड, सरस्वती कुण्ड और लंगटे कुण्ड यहाँ पर है, कई बिदेसी मन्दिर भी है यहाँ चीन का मन्दिर, जापान का मन्दिर आदि. नालंदा जिले में जामा मस्जिद भी है जॊ के बिहार शरीफ मे पुलपर है। यह बहुत ही पुराना और विशाल मस्जिद है।
FAQ
नालंदा विश्वविद्यालय को किसने नष्ट किया और क्यों?
बख्तियार खिलजी
नालंदा विश्वविद्यालय कौन से राज्य में स्थित है?
बिहार
नालंदा विश्वविद्यालय क्यों प्रसिद्ध है?
विश्व के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय आवासीय विद्यालय
धन्यवाद्……………………………………..