भारत में सबसे ज्यादा नारियल की खेती केरल राज्य में होती है। केरल को नारियल की उपज के लिए जाना जाता है और यह देश के प्रमुख नारियल उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। यहाँ की जलवायु और मिट्टी नारियल के पौधे के लिए अनुकूल होती है, जो कि इस फसल की भरपूर पैदावार के लिए आवश्यक है।
केरल में नारियल की खेती समुद्र के किनारे के क्षेत्रों और निचले भूमि में होती है, जहां उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण नारियल के पेड़ अच्छे से विकसित होते हैं। केरल के अलावा, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और उत्तर कन्नड़ जैसे क्षेत्र भी नारियल की खेती के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन केरल की खेती की मात्रा और गुणवत्ता में कोई मुकाबला नहीं कर सकता।
केरल में नारियल की खेती केवल वाणिज्यिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। नारियल के विभिन्न उत्पाद जैसे नारियल तेल, नारियल पानी, नारियल की मंझी, और नारियल का गूदा इस राज्य की आर्थिक समृद्धि में योगदान देते हैं। नारियल का उपयोग खाद्य पदार्थों, सौंदर्य प्रसाधनों, और औषधियों में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है।
इसके अलावा, नारियल की खेती स्थानीय किसान समुदायों के लिए आय का महत्वपूर्ण स्रोत है। केरल की सरकार भी नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और समर्थन प्रदान करती है, ताकि किसान अच्छे उत्पाद प्राप्त कर सकें और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। इसलिए, भारत में नारियल की सबसे ज्यादा और सबसे अच्छी खेती केरल में होती है।